बचपन तेरी याद बडी आती है
."बचपन तेरी याद बड़ी आती है"
बचपन की वो मासूम सी
शैतानियां याद आती है...
हम आगे मम्मी हमारे पीछे
दौड़कर आती है...
बचपन तेरी याद बड़ी आती है...
न किसी चीज का लोभ
न किसी दुख कि चिंता...
वो बीती रातें सब याद
दिलाती है...
बचपन तेरी याद बड़ी आती है...
उच नीच का ज्ञान नहीं
ना थी खुद की खबर...
बीन पूछे चले जाते थे किसी
के भी घर के भीतर...
बचपन तेरी याद बड़ी आती है...
दादी का वो लाड़ दादाजी
कि वो कहानियां सुनते
सुनते सो जाना, आज भी
वो कमी सताती है...
बचपन तेरी याद बड़ी आती है...
ये जवानी बड़ा रूलाती है,
बचपन तेरी याद बड़ी आती है...
कु. आरती सुधाकर सिरसाट
बुरहानपुर मध्यप्रदेश